ONDC ने इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड लॉन्च किया: भारतीय ईकॉमर्स कंपनियों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा

ONDC ने इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड लॉन्च किया: भारतीय ईकॉमर्स 

कंपनियों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा





विक्रेताओं को सशक्त बनाने और भारत में व्यापार करने के तरीके में व्यापक बदलाव लाने की कोशिश




नई दिल्ली | 30 जुलाई 2024: क्या आप एक ऐसी दुनिया की कल्पना कर सकते हैं, जहां छोटे बिजनेस मालिक डिजिटल मार्केट में प्रतिस्पर्धा करने के लिए संघर्ष करते हैं। बड़े खिलाड़ियों से हार जाते हैं। इसकी एक बड़ी वजह होती है- उनके पास ग्राहकों तक पहुंचने के साधन नहीं होना। यह अब तक भारत में अनगिनत विक्रेताओं की हकीकत रही है। आज ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) अपने क्रांतिकारी इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड को लॉन्च करते हुए रोमांचित है, जो ई-कॉमर्स की दुनिया को बदलने और स्थानीय कारीगरों से लेकर पड़ोस के दुकानदारों तक हर विक्रेता को सशक्त बनाने के लिए तैयार है।




लंबे समय से विक्रेताओं को डिजिटल मार्केट में अपनी मौजूदगी स्थापित करने में कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। वे किसी न किसी प्लेटफॉर्म पर आश्रित हैं और उसकी दिक्कतों की वजह से सीमित हैं। वह अपने उत्पादों को ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास ले जाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ONDC का इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड सब बदल देगा। इस समय यह अपने अल्फा स्टेज में है। यह इनोवेटिव टूल विक्रेताओं को एक अनूठा क्यूआर कोड बनाने की अनुमति देता है जिसे ग्राहक ONDC-रजिस्टर्ड बायर ऐप का उपयोग कर स्कैन कर सकते हैं। इसकी शुरुआत मैजिकपिन और पेटीएम से हो रही है। प्रारंभिक परीक्षण के बाद जल्द ही यह पूरे नेटवर्क में विस्तार करेगा। 




ONDC के एमडी और सीईओ टी कोशी ने लॉन्च इवेंट में ONDC के क्यूआर कोड को लॉन्च करते हुए कहा कि, "आज भारतीय कॉमर्स में बड़े बदलाव का क्षण है।" "ONDC का इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड उन बाधाओं को तोड़ता है जो छोटे बिजनेस को पीछे रखती हैं। अब हर विक्रेता के पास ई-कॉमर्स दिग्गजों की तरह डिजिटल रूप से ग्राहकों तक पहुंचने की ताकत है। यह एक खुले, समावेशी और लोकतांत्रिक डिजिटल मार्केट की ओर एक बड़ी छलांग है।"




इस तकनीक की खूबसूरती इसकी सरलता और दूरगामी प्रभाव की क्षमता में निहित है। विक्रेता अपने क्यूआर कोड कहीं भी प्रदर्शित कर सकते हैं - स्टोरफ्रंट, उत्पाद, मार्केटिंग सामग्री या सोशल मीडिया पर - ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से ग्राहकों से तुरंत जुड़ सकते हैं। उपभोक्ताओं के लिए इसका मतलब है बेजोड़ सुविधा: किसी भी क्यूआर स्कैनर ऐप या ONDC बायर ऐप (वर्तमान में पेटीएम और मैजिकपिन) के साथ एक स्कैन उन्हें उनके पसंदीदा बायर ऐप के माध्यम से सीधे विक्रेता के ऑनलाइन स्टोर से जोड़ता है।




कोशी ने कहा, "स्थानीय दुकानदार, स्ट्रीट वेंडर, कारीगर के बारे में सोचें- अब उन्हें कोई भी कहीं भी खोज सकता है और उनका प्रोडक्ट खरीद सकता है।" "यह सिर्फ़ एक नई सुविधा नहीं है; यह आर्थिक विकास और डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने वाली तकनीक है। लाखों बिजनेस ऑनलाइन आएंगे, नए अवसर पैदा करेंगे और भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएंगे।"




ONDC के इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड से पहले विक्रेता या तो डिमांड जनरेशन कॉस्ट के कारण ऑनलाइन नहीं थे या उन्हें रेवेन्यू में बहुत ज्यादा हिस्से का भुगतान करना पड़ रहा था। अब इस गेम-चेंजिंग टूल के साथ वे किफ़ायती तरीके से अपना विकास कर सकते हैं।




यह अल्फा लॉन्च भारत में व्यापार करने के तरीके में एक बड़े बदलाव का प्रतिनिधित्व कर रहा है। यह सिर्फ तकनीक से कहीं ज्यादा है; यह देश के हर विक्रेता के जीवन को बदलने और सभी को बराबरी से मौके उपलब्ध करने की बात है। ONDC का इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड डिजिटल कॉमर्स के इस नए युग को अनलॉक करने की कुंजी है, जहां अवसर अब आकार या संसाधनों तक सीमित नहीं हैं।




ONDC नेटवर्क पर अब हर बिजनेस के लिए भारत खुलेगा!


 




ONDC के बारे में: 


31 दिसंबर 2021 को शुरू किया गया ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) एक सेक्शन 8 की कंपनी है, जिसे उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने शुरू किया है। ONDC का उद्देश्य एक सुविधाजनक मॉडल के साथ डिजिटल कॉमर्स में व्यापक बदलाव लाना है जो भारत में रिटेल ई-कॉमर्स की पहुंच को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा देगा। ONDC कोई एप्लिकेशन, प्लेटफ़ॉर्म, मध्यस्थ या सॉफ़्टवेयर नहीं है, बल्कि खुले, अनबंडल और इंटरऑपरेबल ओपन नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किए गए स्पेसिफिकेशन का एक सेट है।




अधिक जानकारी के लिए, विजिट करें: ONDC | ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स

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