समान पहुंच, समान देखभाल: वाइटसकेयर स्वास्थ्य सेवा में लैंगिक समानता को बढ़ावा दे रहा है

समान पहुंच, समान देखभाल: वाइटसकेयर स्वास्थ्य सेवा में लैंगिक समानता को बढ़ावा दे रहा है



 


महिला समानता दिवस के मौके पर, संगठन ने उन तरीकों और विचारों को साझा किया है, जो महिला तकनीशियनों को कंपनी के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं और साथ ही महिला मरीजों को वाइटसकेयर के साथ नियमित डायलिसिस कराने के लिए प्रोत्साहित करते हैं


 


26 अगस्त, 2024: महिला समानता दिवस के अवसर पर, वाइटसकेयर ने स्वास्थ्य देखभाल में समावेशिता और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाना और उनके लिए सुविधाजनक और सुलभ स्वास्थ्य देखभाल सुनिश्चित करना है।


 


एक व्यवसाय के रूप में, वाइटसकेयर हमारे देश के हर कोने में, विशेष रूप से वंचित टियर 2, 3 और ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पहुंच सीमित है, विश्व स्तरीय डायलिसिस सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है। इन क्षेत्रों में महिलाओं को नियमित देखभाल की सुविधा हासिल करने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इलाज को किफायती बनाने के महत्वपूर्ण सरकारी प्रयासों और पहुंच बढ़ाने की हमारी पहल के बावजूद, महिलाएं अक्सर मुख्य रूप से पुरुष तकनीशियन कर्मचारियों के कारण नियमित डायलिसिस लेने से झिझकती हैं।


 


इस चुनौती का समाधान करने के लिए, वाइटसकेयर अपने डायलिसिस केंद्रों पर जहां भी संभव हो, महिला तकनीशियनों की नियुक्ति पर विशेष जोर दे रहा है। यह पहल न केवल महिला मरीजों के लिए एक सुरक्षित और आरामदायक माहौल बनाती है, बल्कि समुदाय की महिलाओं को बेहतर रोजगार के अवसर देकर उन्हें सशक्त भी करती है। इस नीति से महिला मरीजों को अपने नजदीकी डायलिसिस केंद्र में ही सुविधा मिल जाती है, जिससे उन्हें और तकनीशियनों दोनों को लंबी यात्रा नहीं करनी पड़ती। इन प्रयासों के जरिए, वाइटसकेयर भारत में महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल को बेहतर बना रहा है और लैंगिक समानता को बढ़ावा दे रहा है।


 


इस पहल की वजह से वाइटसकेयर केंद्रों में महिला रोगियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और कुछ केंद्रों पर अब डायलिसिस के लिए समान संख्या में पुरुष और महिला रोगी आ रहे हैं।


 


कानपुर की एक डायलिसिस मरीज़, आशा सिंह बताती हैं, "मैं डायलिसिस के लिए नियमित रूप से जाने से बचती थी क्योंकि यात्रा बहुत थका देने वाली होती थी और पुरुष तकनीशियनों के साथ मुझे असहज महसूस होता था। जब से वाइटसकेयर ने महिला तकनीशियनों के साथ मेरे घर के पास एक केंद्र खोला है, मुझे बहुत राहत मिली है। इससे मेरे लिए डायलिसिस सेशन को नियमित करना और अपने स्वास्थ्य का बेहतर ध्यान रखना आसान हो गया है।


 


यूपी में वाइटसकेयर सेंटर की महिला तकनीशियन प्रियंका यादव कहती हैं, "वाइटसकेयर के साथ काम करना बहुत अच्छा अनुभव रहा है। महिला तकनीशियनों की उपलब्धता को प्राथमिकता देने वाली टीम का हिस्सा बनकर मुझे मरीजों से सीधे जुड़ने का मौका मिला है। यह देखकर खुशी होती है कि हमारी कोशिशों से महिला मरीजों की जिंदगी में बदलाव आ रहा है, और यह सब सहयोगी माहौल के कारण संभव हुआ है।‘’


 


वाइटसकेयर के संस्थापक और सीईओ प्रभात श्रीवास्तव कहते हैं, "हमारी सेवाओं को समुदायों के करीब लाकर, हम स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महिलाओं के लिए स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा करना चाहते हैं, जो लंबे समय तक बदलाव लाने में मदद करेगा। इसके साथ ही, हमारी महिला तकनीशियन महिला मरीजों को उनके इलाज के दौरान सहज महसूस कराने में अहम भूमिका निभाती हैं। इससे मरीजों के अनुभव में सुधार होता है और अधिक महिलाएं बिना झिझक नियमित डायलिसिस के लिए प्रोत्साहित होती हैं।

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